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Friday, 31 March 2017

कृषि की समझ - भाग -२

                              फसलों में पोषण : 

 पौधे अथवा फसल अपने जीवन यापन और सामान्य वृद्धि के लिए जमीन से ही पोषण प्राप्त करते हैं। पौधों द्वारा लगातार जमीन से पोषक तत्वों को लेने की वजह से जमीन में पोषक तत्वों की कमी आ जाती है। चुकि कई वर्षों से एक ही जमीन हर वर्ष कई फसलें उगाने से जमीन में पौधों के पोषक तत्वों में कमी आ गयी है। पुराने समय में पशुओं की गोबर खाद से ये पोषक तत्व पूरे किये जाते थे। पुराने समय में पशुओं की संख्या बहुत ज्यादा थी और पर्याप्त मात्र में गोबर उपलब्ध था, परन्तु समय बढ़ने के साथ जब खेती का छेत्रफल बढने लगा तब पशुओं के गोबर की की मात्रा, बढे हुए कृषि छेत्र्फल के लिए पर्याप्त नहीं था। अब पोषक तत्वों की कमी केवल गोबर की खाद या हरी खाद से पूरी नहीं की जा सकती थी। अतः फसलों की पैदावार भी कम होने लगी। नयी उन्नत किस्म की (ज्यादा पैदावार देने वाली) फसलों के विकास से ज्यादा मात्रा में पोषण की आवश्यता हुई। चुकि फसलों की उन्नत किस्म में पैदावार हेतु अधिक मात्र में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, अतः बाहर से पोषण की आवश्यकता होती है।  

लगभग 1990 तक रासायनिक खादों का अविष्कार और प्रयोग शुरू हुआ। जमीन में पोषक तत्वों को बनाये रखने के लिए इन रासायनिक खादों को बाहर से खेत में डाला जाने लगा। रासायनिक पोषक तत्वों के श्रोत को chemical Fertilizer या रासायनिक उर्वरक कहते हैं जिसे किसान बाहर से खेत में प्रयोग करता है। जब से उन्नत किस्म के फसलों का प्रयोग शुरू हुआ है तब से खेती में पोषण की आवश्यकता बढ़ गयी है, इसलिए रासायनिक खादों पर निर्भरता भी बढ़ गयी है। आज बिना रासायनिक उर्वरकों के हम खेती को सोच भी नहीं सकते।

                                    fig: Urea fertilizer (nitrogen supplement to plants) 


                         Fig : DAP fertilizer (Phosphorus and Nitrogen supplement to plants)
चुकि पौधे अपना पोषण, तत्वों के रूप में प्राप्त करते हैं, जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम, कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, मैग्नीज, आयरन इत्यादि. इसीप्रकार से उर्वरक भी, उन पोषक तत्वों को प्रदान करने वाले concentrated उत्पाद होते हैं जिन्हें खेतों में या पौधों पर डालने से पौधों को पोषण प्राप्त हो जाता है।इस प्रकार पौधे अपना पोषण प्राप्त कर अपनी सामान्य बढवार करते रहते हैं। कुछ उर्वरको से एक ही किस्म के पोषक तत्व प्राप्त होता है और कुछ उर्वरको से कई पोषक तत्व एक साथ में प्राप्त करते हैं।

जो उर्वरक प्राक्रतिक तरीके से तैयार किया जाता है उसे जैविक खाद कहते हैंजैसे कम्पोस्ट। पशुओं के गोबर, पेड़ पौधों के अवशेष इत्यादि को सड़ाकर कम्पोस्ट तैयार किया जाता है। इसके अलावा भी बहुत अन्य भी विभिन्न प्रकार की जैविक खाद तैयार और इस्तेमाल की जाती है। जैव उर्वरक का भी इस्तेमाल खेती में किया जाता है। जैव उर्वरक वो जीवित सुछम जीव होते हैं जिनके इस्तेमाल से फसलों को पोषण प्राप्त होता है। जैसे अजोल्ला, एजोटोबक्टर इत्यादि।

https://upbpsingh.blogspot.in/2017/02/agriculture-basic-understanding-in-hindi.html


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