Wind break and shelter belt
कृषि कार्यों में तेज हवाएं
कई बार समस्या का कारण बनती है। तेज हवाओं से खेत में खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो
जाती हैं। तेज हवाओं के मौसम में अक्सर पेड़ों से अपरिपक्कव फल गिर जाते जिससे किसानो
को बहुत आर्थिक नुक्सान होता है। जब तेज हवाएं बहुत बड़े छेत्र में में कहर ढाती
हैं उससे बहुत बड़े हिस्से की कई फसलें नष्ट हो जाती है जिससे किसानो को तो नुक्सान
होता ही है पर साथ में उन फसलों के नष्ट होने के कारण उनके मूल्य बहुत ज्यादा बढ़
जाते हैं जिससे आम लोगों को भी महगाई से सामना करना पड़ता है। तेज हवाओं से कई अनाज
और दलहन के साथ साथ फलों की फसलों पर सबसे ज्यादा नुक्सान होता है जैसे धान, गेहू,
मक्का, बाजरा, अरहर, आम इत्यादि। अतः तेज हवाओं से बचाव एक बड़ी चुनौती होती है। इसका सामना करने के लिए हमें ऐसी संरचना का निर्माण करना पड़ता है जो की तेज आने
वाली हवाओं के प्रवाह को कम कर दें ।
इसके लिए दो तरह की संरचना का निर्माण किया जाता
है। एक में तो पेड़ों को इस प्रकार लगाया जाता है जिससे कि वो हवाओं की रफ़्तार को रोकें
और दूसरी संरचना का निर्माण सीमेंट (cement
/ concrete) से किया जाता है। सीमेंट की बड़ी सी दीवार फार्म/
खेत के चारो और बनाने से हवाओं की रफ़्तार को कम किया जा सकता है।
विंड ब्रेक (wind break) : तेज हवाओं की
रफ़्तार को कम करने के लिए जब खेत के चारो और अथवा हवा आने वाली तरफ जब सीमेंट (cement / concrete) की दीवार बनायी जाती है तो उसे विंड ब्रेक कहते है। अतः यह निर्जीव संरचना
होती है ।
शेल्टर ब्रेक / शेल्टर
बेल्ट (shelter break/shelter belt) :
तेज हवाओं की रफ़्तार को कम करने के लिए जब खेत
के चारो ओर अथवा हवा आने वाली तरफ जब पेड़ों का (सजीव दीवार) इस्तेमाल किया जाता है
तो उसे शेल्टर बेल्ट या शेल्टर ब्रेक कहा जाता है ।
तेज हवाओं के नियंत्रण में
दो शब्दों का बार बार इस्तेमाल होता है वो हैं विंड वर्ड साइड (wind ward) और ली वर्ड (Lee ward) साइड। जिस ओर से
हवा का प्रवाह आता है उसे विंड वर्ड साइड कहा जाता है तथा हवा आने की उलटी दिशा
वाली साइड को ली वर्ड साइड कहा जाता है ।
शेल्टर बेल्ट बनाने के कई
मॉडल होते है जिसमे सामान्यतया हवा आने की दिशा में बड़े पेड़ों को लाइन से लगाया
जाता है पर अन्य मॉडल में हवा वाली दिशा में (खेत से बाहर की ओर) छोटे पेड़ (shrubs) लगाये जाते हैं फिर
छोटी ऊंचाई वाले वृछ और खेत की साइड में सबसे ऊंचाई वाले वृछ लगाये जाते हैं ।
शेल्टर या विंड ब्रेक्स बनाने
से हवा की रफ़्तार खेत की ओर (lee ward) 60 – 80% कम हो जाती है।वृछ
या दीवार की ऊंचाई से विभिन्न दूरी पर हवा की रफ़्तार भिन्न भिन्न होती है। हर 300 मीटर पर विंड ब्रेक या
शेल्टर बेल्ट्स की दूसरी लाइन बनानी चाहिए ।
Forest rejenration
ReplyDeleteBhej do sir je